कुछ अधूरी सी लाइने .... कुछ अधूरे से अरमान ...
आधी - अधूरी सी ज़िन्दगी में ... ढूंढें पूरे ख़ाब ...
ज़िन्दगी ने बहुत खूबसूरत लम्हें दिए ... जीने के लिए ....
साँसे दी ...हंसी दी , ख़ुशी दी ... और साथ में कुछ ग़म भी दिए ...
वक़्त के हर उस लम्हे को हमने जकड़ के रखा ...
जहाँ ग़मो ने अपनी चादर फैला रखी थी ...
हम हर हंसी - ख़ुशी में जिए लम्हों को ...धीरे - धीरे भूलते गए ....
कभी जाग कर ... थपकियां देकर ... रात भर ग़मो को सुलाता हूँ ...
लेकिन ... कम्बख्त ... ये वो पल हैं जो ... न तो खुद सोते हैं - और न सोने देते हैं ...
ज़िन्दगी फिर ...न चाहते हुए भी .... वहीँ ठहर जाती है ...
और फिर वक़्त कुछ रुक सा जाता है ...
~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~
आधी - अधूरी सी ज़िन्दगी में ... ढूंढें पूरे ख़ाब ...
ज़िन्दगी ने बहुत खूबसूरत लम्हें दिए ... जीने के लिए ....
साँसे दी ...हंसी दी , ख़ुशी दी ... और साथ में कुछ ग़म भी दिए ...
वक़्त के हर उस लम्हे को हमने जकड़ के रखा ...
जहाँ ग़मो ने अपनी चादर फैला रखी थी ...
हम हर हंसी - ख़ुशी में जिए लम्हों को ...धीरे - धीरे भूलते गए ....
कभी जाग कर ... थपकियां देकर ... रात भर ग़मो को सुलाता हूँ ...
लेकिन ... कम्बख्त ... ये वो पल हैं जो ... न तो खुद सोते हैं - और न सोने देते हैं ...
ज़िन्दगी फिर ...न चाहते हुए भी .... वहीँ ठहर जाती है ...
और फिर वक़्त कुछ रुक सा जाता है ...
~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~
सुन्दर अभिव्यक्ति .आभार
ReplyDeleteहम हिंदी चिट्ठाकार हैं
aabhar
Deleteआपकी यह रचना कल शनिवार (15 -06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteok...sir thnx
Deleteकोमल भाव लिए भावपूर्ण रचना..
ReplyDelete:-)
mujhe kavita likhne ki itni samjh nhi hai...bas yu hi likh diya karta hu...shukriya reena ji
Deletedhayawad
ReplyDeleteshukriya aapka ki aapko pasand aayi...
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