लोग कहते हैं ज़िंदा लम्हों में ही ज़िन्दगी है ,
बीते हुए लम्हें तो कब के मर गये ,
मैंने जो कागज़ों पे लिख दिये , तो साँस लेते हैं ,
तन्हाई में कभी आवाज़ दी , तो बात करते हैं ,
पास बुलाया तो गले लग के रोते हैं ,
थपकियाँ देके सुलाया कभी , तो रात सो गई ,
कभी रुलाया तो कभी हँसाया भी बहुत ,
ये बीते हुए लम्हें , कभी बीतते नहीं ,
शायद कभी मरते नहीं , जिस्म सो जाता है ,
और ♥ कल्प ♥ हर लम्हें की " रूह " साँस लेती है !!
~ ♥ कल्प वर्मा ♥ ~